कभी आना तुम,
गीत ख़ुशी का बन के
और झांकना बरामदे के दरवाजे से
जब में शाम की चाय पी रहा होऊं.
पापा आ गये हैं ऑफिस से,
ये देख के हंस देना बचकाना सा
और फिर पापा की माँ ने,
जो पायल पहनाई थी तुम्हारे जनम पे,
उनको छनकती हुई,
जा बेठना अपनी माँ की गॊद में.
फिर पापा का नाम लेके बुलाना,
और जब माँ डाटें तुम्हे,
तो चली जाना वहां से सुबकते हुए. :)
किलकारियों से, हंसी से,
फिर शाम को गूंजा देना घर को,
जब पापा झुला झुलायें,
और रात को,
सो जाना लोरी माँ से सुनते हुए तुम.
बस तंग रात को थोडा कम करना,
क्योंकि मम्मी पापा को ऑफिस जाना होगा कल.
और उठ जाना सुबह समय पे,
हमें ऑफिस के लिए बाय बोलने को.
खेलना पूरा दिन दादा दादी के साथ,
और फिर शाम को जब मैं आऊं वापिस,
तो झांकना बरामदे से फिर,
ख़ुशी का एक गीत बनके. :)
गीत ख़ुशी का बन के
और झांकना बरामदे के दरवाजे से
जब में शाम की चाय पी रहा होऊं.
पापा आ गये हैं ऑफिस से,
ये देख के हंस देना बचकाना सा
और फिर पापा की माँ ने,
जो पायल पहनाई थी तुम्हारे जनम पे,
उनको छनकती हुई,
जा बेठना अपनी माँ की गॊद में.
फिर पापा का नाम लेके बुलाना,
और जब माँ डाटें तुम्हे,
तो चली जाना वहां से सुबकते हुए. :)
किलकारियों से, हंसी से,
फिर शाम को गूंजा देना घर को,
जब पापा झुला झुलायें,
और रात को,
सो जाना लोरी माँ से सुनते हुए तुम.
बस तंग रात को थोडा कम करना,
क्योंकि मम्मी पापा को ऑफिस जाना होगा कल.
और उठ जाना सुबह समय पे,
हमें ऑफिस के लिए बाय बोलने को.
खेलना पूरा दिन दादा दादी के साथ,
और फिर शाम को जब मैं आऊं वापिस,
तो झांकना बरामदे से फिर,
ख़ुशी का एक गीत बनके. :)
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